PM Swamitva Yojana: जिसे पीएम स्वामित्व योजना के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण पहल है जिसे ग्रामीण भारत के भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलीकरण के माध्यम से व्यवस्थित किया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के मालिकाना हक को स्पष्ट करना और संपत्ति के रिकॉर्ड को डिजिटलीकृत करना है। यह योजना खासकर उन ग्रामीण इलाकों के लिए है जहां भूमि के रिकॉर्ड स्पष्ट नहीं होते या जिनके पास कानूनी दस्तावेज नहीं होते।
PM Swamitva Yojana और संपत्ति कार्ड:
PM Swamitva Yojana के तहत संपत्ति कार्ड का वितरण शुरू किया गया है। इस योजना के तहत, छह राज्यों के 763 गाँवों में लगभग 1 लाख संपत्ति मालिकों को उनके संपत्ति कार्ड मिलेंगे। यह कार्ड संपत्ति के स्वामित्व को प्रमाणित करता है और संपत्ति कर का निर्धारण तथा वित्तीय संस्थानों से संपत्ति ऋण प्राप्त करने में मदद करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि देश के संपत्ति धारकों को एक एसएमएस के माध्यम से लिंक भेजा जाएगा, जिसके जरिए वे अपने संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद, राज्य सरकारें फिजिकल वितरण करेंगी, जिससे ग्रामीणों को बैंक लोन और अन्य वित्तीय सुविधाओं की प्राप्ति में सुविधा होगी।
PM Swamitva Yojana के लाभ:
बैंक लोन की सुविधा: PM Swamitva Yojana के माध्यम से ग्रामीणों को अब बैंक से लोन प्राप्त करने में आसानी होगी।
- संपत्ति कर निर्धारण: संपत्ति कर का निर्धारण स्वत: पत्रक द्वारा किया जाएगा।
- स्वचालित टैक्स संग्रह: टैक्स संग्रह की प्रक्रिया स्वचालित हो जाएगी।
- ड्रोन द्वारा सर्वे: ड्रोन की मदद से गांव और खेतों का मैपिंग किया जाएगा।
- संपत्ति की तरलता: बाजार में पार्सल भूमि की तरलता बढ़ेगी।
- वित्तीय साख: ग्राम पंचायतों के अंतर्गत किसानों को लोन लेने की सुविधा होगी।
- सरल नामांकन प्रक्रिया: संपत्ति नामांकन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
- भूमि सत्यापन: भूमि सत्यापन में तेजी आएगी और भूमि भ्रष्टाचार में कमी होगी।
PM Swamitva Yojana के उद्देश्य और लक्ष्य:
PM Swamitva Yojana का उद्देश्य ग्रामीण भारत के नागरिकों को उनकी संपत्ति को वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने के लिए सक्षम बनाना है। इसके अतिरिक्त, योजना ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण, संपत्ति कर निर्धारण और जीआईएस मानचित्रों का निर्माण भी करती है। इसके माध्यम से संपत्ति विवादों और कानूनी मामलों को कम करने का भी प्रयास किया जाएगा।
पायलट चरण और प्रक्रिया:
PM Swamitva Yojana को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 1 लाख गांवों का सर्वेक्षण किया जाएगा। दूसरे चरण में, अप्रैल 2021 से मार्च 2024 तक शेष गांवों का सर्वेक्षण पूरा किया जाएगा।
ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया:
PM Swamitva Yojana के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए, आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करें, व्यक्तिगत जानकारी और भूमि विवरण भरें, और फिर सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद, आपके मोबाइल पर एक एसएमएस आएगा जिसमें पासवर्ड होगा, जिसे आप लॉगिन करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो आप ईमेल के माध्यम से मदद प्राप्त कर सकते हैं। ईमेल आईडी है: egramswaraj@gov.in।
PM Swamitva Yojana से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि और संपत्ति के संबंध में एक नई व्यवस्था स्थापित होगी, जिससे आर्थिक स्थिरता और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा।