PM Aatmnirbhar Bharat Rojgar Yojana: कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर न केवल स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी गंभीर प्रभाव डाला। भारत में भी इसका असर व्यापक रूप से देखा गया, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार का नुकसान हुआ। इस संकट के दौरान लोगों को आर्थिक रूप से सहारा देने और रोजगार की बहाली सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए। इसी कड़ी में 1 अक्टूबर 2020 को ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ (एबीआरवाई) को लॉन्च किया गया। यह योजना आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करना है।
योजना का उद्देश्य
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Self-reliant India employment scheme) का मुख्य उद्देश्य उन नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना है जो नए रोजगार सृजित कर रहे हैं या जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों को फिर से नौकरी पर रखा है। यह योजना नियोक्ताओं को आर्थिक प्रोत्साहन देकर उन्हें नए कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए प्रेरित करती है। इस योजना के अंतर्गत सरकार कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों के भविष्य निधि (EPF) योगदान का एक हिस्सा वहन करती है।
योजना की विशेषताएं
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Self-reliant India employment scheme) के तहत सरकार नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यदि नियोक्ता नए कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं या उन कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करते हैं जिनकी नौकरी कोविड-19 के दौरान चली गई थी, तो सरकार उनके EPF योगदान का 24% तक वहन करती है। इसका मतलब यह है कि कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से का योगदान सरकार द्वारा किया जाएगा। यह सुविधा विशेष रूप से उन नियोक्ताओं के लिए फायदेमंद है जो 1000 या उससे कम कर्मचारियों को रोजगार प्रदान करते हैं।
इसके अलावा, यह योजना नए कर्मचारियों को भी लाभान्वित करती है। जो कर्मचारी 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 के बीच नियोक्ताओं के पास नियुक्त हुए हैं और जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा नेट प्रदान करती है और नए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देती है।
पात्रता और शर्तें
योजना के तहत उन नियोक्ताओं को प्राथमिकता दी जाती है जो EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के साथ पंजीकृत हैं और नियमित रूप से EPF का भुगतान कर रहे हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए नियोक्ताओं को कुछ शर्तों का पालन करना होता है। उदाहरण के लिए, नए कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए उनकी मासिक वेतन सीमा 15,000 रुपये से कम होनी चाहिए।
साथ ही, यह योजना उन कर्मचारियों के लिए भी है जो 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच नौकरी से हाथ धो बैठे थे और जिन्हें अब पुनः नौकरी पर रखा गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना होता है कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद उनके संगठन में कुल कर्मचारी संख्या बढ़ी हो।
योजना की अवधि और लाभ
यह योजना अगले दो वर्षों तक लागू रहेगी। जिन नियोक्ताओं ने इस योजना का लाभ 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 के बीच लिया है, वे अगले दो वर्षों तक इसका लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार का योगदान हर महीने कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा, जो उनके सामाजिक सुरक्षा लाभ को मजबूत करेगा।
योजना का लाभ उठाने वाले नियोक्ताओं और कर्मचारियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, यह योजना भारत में रोजगार की स्थिति में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल रोजगार सृजन में तेजी आएगी, बल्कि कोविड-19 के दौरान प्रभावित हुए परिवारों को भी आर्थिक राहत मिलेगी।
योजना से संबंधित जानकारी
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Self-reliant India employment scheme) से संबंधित अधिक जानकारी और विस्तृत विवरण के लिए, इच्छुक व्यक्ति योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट लिंक (https://labour.gov.in/aatmanirbhar-bharat-rojgar-yojana-abry) पर जाकर योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इस योजना के माध्यम से सरकार ने न केवल रोजगार की बहाली में योगदान दिया है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।